किस कानून के तहत कोई व्यक्ति अनाज या आवश्यक खाद्य सामग्री का ज्यादा भण्डारण करता है ?
नमस्कार दोस्तों भारत विविधताओं और बहु लताओं का देश है। भारत कृषि आधारित प्रधान देश में अर्थव्यवस्था में किसानों का अहम योगदान है। जिस योगदान से आज भारत के लोग 75% कृषि पर निर्भर है|
साल 1955 से पहले इस देश में कोई भी व्यक्ति अनाज का भण्डारण कर सकता था। बस या तो किसी युद्ध या फिर आपदा में ही अनाज का भण्डारण नहीं कर सकता था। लेकिन जब धनासेठों द्वारा आवश्यक खाद्य सामग्रियों का भण्डारण किया जाने लगा।
जब उन चीजों का रेट बढ़ जाता था तो उन धनासेठों द्वारा चीजों को बेचा जाता था। जिससे मॅहगाई का स्तर बढ़ जाता था और भारत के छोटे वर्ग के लोग इस मॅहगाई के आगे आ के आपने परिवार को मूलभूत जीज नहीं दे पते |
उपरोक्त कानून के द्वारा 1955 में सरकार ने एक कानून बनाया। जिस मे कोई आवश्यक खाद्य सामग्री का भंडारण नहीं कर सकता था। अगर वह एस काम करता है तो उसे अपराधी मन कर सजा दी जाए गई और जुर्माना भी देना पड़ेगा
अगर कोई व्ययक्ति या कोई सस्था एस कर थी है की वो भंडारण जमा करते पकड़ा जाता था उसको जेल हो जाता था। लेकिन अभी हाल ही में सरकार के द्वारा जून 2020 में एक अध्या देश लाया गया। एस कारेने वाले को जेल के साथ जुर्माना भी देना होगा|जिसके तहत किसान और व्यापारी दोनों आवश्यक खाद्य सामग्री का भंडारण कर सकते हैं। मेरा विचार है की ज्यादातर व्यापारियों को यह कानून ज्यादा लाभकारी सिद्ध होगा।
The essential commodities amendment bill 2020 (आवश्यक वस्तु भण्डारण अधिनियम ) के तहत कोई भी व्यक्ति आवश्यक खाद्य सामग्री का भंडारण कर सकता है। जिसके पास रहने के लिए छत नहीं है , वह भण्डारण कहां और कैसे करेगा। सोचिये और कमेंट कीजिये।
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