आखिर कब मिलेगा आंगनबाड़ी कर्मचारियों को न्याय?”—स्थायी नौकरी और पेंशन की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने देशभर में सौंपा ज्ञापन | Anganwadi News Today
Anganwadi News Today: 12 अगस्त 2024 को ऑल इंडिया आंगनवाड़ी एंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर देशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा। इस कड़ी में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, और झारखंड सहित कई राज्यों में भी ज्ञापन प्रस्तुत किए गए। खासतौर पर उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल, उधमसिंह नगर, अल्मोड़ा और अन्य जिलों में आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने ज्ञापन में बताया कि वे 1975 से देश के नौनिहालों को शिक्षित और पोषित कर रही हैं, लेकिन उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, उनके मानदेय में पर्याप्त वृद्धि की जाए, और सेवानिवृत्ति के समय 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और पेंशन की सुविधा प्रदान की जाए।
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Anganwadi News Today– स्थायी नौकरी और पेंशन की मांग
देशभर में करीब 28 लाख महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी न्यूनतम मानदेय पर काम कर रही हैं, जबकि अन्य संविदा कर्मचारियों को राज्य सरकारें नियमित कर रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत उन्हें नर्सरी टीचर बनाकर नियमित करना एक न्यायसंगत निर्णय होगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया कि मार्च 2019 में उनके मानदेय में थोड़ी बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन महंगाई के बढ़ते स्तर के बावजूद उनके मानदेय में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनका मानदेय तीन गुना बढ़ाया जाए और सेवानिवृत्ति के समय 10 लाख रुपये का भुगतान और मासिक पेंशन लाभ दिया जाए। ज्ञापन देने वालों में सुशीला खत्री, सुनीता राणा, मधु पुंडीर, तनु बंबा, उर्मिला, शबा, कनुप्रिया, भागीरथी भट्ट, राखी गुप्ता आदि शामिल थीं।
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