क्या आर्मी द्वारा प्रयोग में लिए गए कुत्तों को उसके रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है?
हां यह बात सच है लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने इस मामले को ध्यान देकर इन सैन्य कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद न मारने का आदेश दिया है।
वही यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी गया था जिसमें हाईकोर्ट ने कहा कि है यह मामला पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम का खुला उल्लंघन है । इसे रोका जाना चाहिए। इसी के बाद 2017 मेरठ में ओल्ड एज होम वार डाॅग ट्रेनिंग स्कूल में कुत्तों के लिए व्यवस्था की गई । जहां पर इन्हीं सैन्य कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद पाला जाता है और इनकी नीलामी करी जाती है। और अन्य कामों में लगाया जाता है। लेकिन विशेष परिस्थितियों में अगर कुत्ता जीने लायक नहीं है तो उसे इंजेक्शन के द्वारा मौत के घाट उतार दिया जाता है।
इस वजह से मारा जाता था इन कुत्तो को आखिर ऐसा क्यों किया जाता है ?
दरअसल इन कुत्तों को मारने के पीछे की वजह ये थी कि कुत्तों को सेना के खुफिया रास्तों और सेफ ठिकाने का पता होता है ।रिटायरमेंट के बाद यह किसी गलत हाथों में ना लग जाए इसी वजह से इन्हें मार दिया जाता था। और यह अंग्रेजो के वक्त से हो रहा था।
यह केवल कुत्तों के साथ ही नहीं होता था। सेना में काम आने वाले गधों और खच्चरों को भी, जिनका उपयोग नहीं रह जाता उन्हें मार दिया जाता था। इसे एनिमल युथैनेशिया भी कहते हैं ।हालांकि उन कुत्तों को छोड़ दिया जाता था जिन्होंने कोई पुरस्कार जीता हो। हालांकि सैन्य कुत्तों की औसत उम्र सिर्फ 7 साल होती है जो कि सामान्य कुत्ते से आधी होती है।
लेकिन अब ना केवल इन कुत्तों को ऐडोप्ट किया जा सकता है बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद भी इन्हें अच्छी सुविधाएं प्राप्त है। हालांकि अस्वस्थ कुत्ते को अभी भी मौत की नींद सुलाया जाता है अगर उसके बचने की संभावनाएं कम हो।
Pingback: उत्तर प्रदेश (सेवा संघों को मान्यता) नियमावली, 1979 के नियमों का अनुपालन के सम्बन्ध मेंआदेश जारी - Ut
Pingback: उत्तर प्रदेश (सेवा संघों को मान्यता) नियमावली, 1979 के नियमों का अनुपालन के सम्बन्ध मेंआदेश जारी - Ut
Pingback: उत्तर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के 51000 पदों पर होंगी भर्तियां - Uttar Pradesh Secondary Teachers.Com
Pingback: A Cure For The Age Old Problem Of Hair Loss बालों के झड़ने की पुरानी समस्या का इलाज - Uttar Pradesh Secondary Teachers.Com
Pingback: मकर संक्रांति पर जानिए क्या करें और क्या नहीं? इन बातों का रखें खास ध्यान - sandhyyahumanist.com