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Swayam Sahayata News: स्वयं सहायता समूह में आई नौकरियां, महिलाओं को मिलने वाली 24+ नई नौकरियां

Swayam Sahayata News: स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को विभिन्न प्रकार के लाभ और कार्य प्रदान किए जाते हैं, जिससे महिलाएं अपनी जीवनशैली को सुधारकर एक बेहतर जीवन जीने में सहायता मिलती है। स्वयं सहायता समूह में रोजगार प्राप्त करने के लिए, समूह के सदस्य निम्नलिखित पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि महिलाएं नौकरी या काम करना चाहती हैं, तो उन्हें स्वयं सहायता समूह की मदद से अच्छी नौकरी मिल सकती है, जिसमें कार्य और जिम्मेदारी को सुविधाजनक स्थान पर सौंपा जाता है। हम यहाँ जानेंगे कि स्वयं सहायता समूह में कौन-कौन सी नौकरियां उपलब्ध हैं। इन नौकरियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए, कृपया पूरा आर्टिकल पढ़ें। चलिए जानते हैं, स्वयं सहायता समूह में कौन-कौन सी नौकरियां हैं?

स्वयं सहायता समूह में नौकरियां

स्वयं सहायता समूह में विभिन्न प्रकार की नौकरियां महिलाओं के लिए उपलब्ध हैं। इस समूह के सदस्यों को अध्यक्ष, सचिव, बिजली सखी, जल सखी, और कृषि सखी जैसी नौकरियों का विकल्प है। इन पदों के लिए चयनित महिलाओं को ₹6,000 से ₹15,000 प्रति माह का वेतन मिलता है, जिससे उन्हें अपने जीवन को सुधारने का अवसर मिलता है। महिला सदस्य गाँव के क्षेत्र से आवेदन कर सकती हैं और स्वयं सहायता समूह में नौकरी प्राप्त कर सकती हैं। निम्नलिखित पदों के बारे में हम यहां जानेंगे, जिनके लिए स्वयं सहायता समूह द्वारा आवेदन किया जा सकता है।

Swayam Sahayata News

1. अध्यक्ष का नोकरी

स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का पद एक प्रमुख और प्रचलित पद है। इस पद पर नौकरी प्राप्त करने के लिए, पहले सबसे पहले व्यक्ति को अपने पंचायत या गाँव के स्वयं सहायता समूह का सदस्य बनना होता है, फिर उसके बाद इस पद के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता है जो 10वीं कक्षा तक होनी चाहिए, और आवेदनकर्ता को महिला ही होना चाहिए।

स्वयं सहायता समूह को संचालित करने के लिए, एक अध्यक्ष को नियुक्त किया जाता है, जो समूह के सदस्यों में से एक पढ़े लिखे और योग्य महिला होती है। अध्यक्ष समूह के प्रमुख अंग होती हैं, और उन्हें समूह को संचालित करने, निगरानी रखने, और मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी होती है। अध्यक्ष के माध्यम से ही समूह को मिलने वाले लाभ को बाकी सदस्यों तक पहुंचाया जाता है, और वे समूह के निर्माण और सही से संचालन के लिए जिम्मेदार होते हैं।

2. कोषाध्यक्ष की नौकरी

कोषाध्यक्ष स्वयं सहायता समूह में शामिल होने के लिए कोई भी समूह की सदस्य महिला आवेदन कर सकती है। आवेदनकर्ता को कम से कम 12वीं कक्षा पास होना चाहिए और इसके साथ ही थोड़ी से बहुत हिसाब-किताब का ज्ञान भी होना चाहिए। कोषाध्यक्ष का मुख्य कार्य समूह की लेखा-जोखा का हिसाब रखना है और समूह के आय और खर्च को संरचित रूप में बनाए रखना है।

कोषाध्यक्ष स्वयं सहायता समूह की एक महत्वपूर्ण पद है जो उस समूह के लेखा-जोखा की जिम्मेदारी संभालता है। इस पद के लिए आवेदन करने के लिए, कम से कम 12वीं कक्षा पास महिला होनी चाहिए। साथ ही, इसे थोड़ी बहुत हिसाब-किताब का ज्ञान भी होना चाहिए ताकि समूह में होने वाले कार्य और गतिविधियों के दौरान आय और खर्च का विवेचन सही ढंग से किया जा सके।

3. बैंक सखी की नौकरी

“बैंक सखी” सुरक्षित और सामाजिक वित्तीय सेवाओं का पहुंच बढ़ाने के लिए एक सुविधा है जो समृद्धि क्षेत्रों में काम करती है। यह महिलाओं को वित्तीय ज्ञान और सेवाओं के साथ संबंधित कौशल प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम प्रदान करती है। बैंक सखी बैंकों की सेवाओं को सामाजिक रूप से पहुंचाने में सहायक होती है और ग्रामीण समुदायों में वित्तीय सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करती है।

बैंक सखी का प्रमुख उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों को समृद्धि क्षेत्रों में वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्वयं सहायता समूहों के लिए बनाया गया है। इन समूहों को वित्तीय लाभ हासिल करने और सही ढंग से लेखा-जोखा रखने में मदद करना बैंक सखी की प्रमुख कार्यक्षेत्र है। इसके साथ ही, बैंक सखी स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को बैंकीय सहायता और सुविधाओं का उपयोग करने में सहायक होता है। इस पद पर नौकरी के लिए आवेदनकर्ता को कम से कम 12वीं कक्षा पास होना आवश्यक है, और इसका आवेदन स्वयं सहायता समूह की गठन की वार्षिक बैठकों में अधिकारी के माध्यम से किया जाता है।

4. ग्राम संगठन सदस्य की नौकरी

ग्राम संगठन एक संगठन है जो कई स्वयं सहायता समूहों को एकत्र करके उनका प्रबंधन और लाभ मुहैया कराता है। इस संगठन के अधिभारी पदों पर कार्यरत महिलाएं होती हैं, जिनमें अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, और सचिव शामिल हैं। इन पदों का चयन समूह के सदस्यों में से उपयुक्तता के आधार पर किया जाता है। यदि आप चाहें, तो आप भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

“ग्राम संगठन” एक सामाजिक और आर्थिक संगठन है जो ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का कार्य करता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों को सही दिशा में मार्गदर्शन करना है ताकि वे अपनी सामृद्धिक और सामाजिक जरूरियों को पूरा कर सकें।

ग्राम संगठन का कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक होता है जो ग्रामीण समुदायों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है। यह समृद्धि, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संरक्षण, कृषि, और आदिवासी-शोषित समृद्धि जैसे क्षेत्रों में परियोजनाएं चलाता है। ग्राम संगठन के सदस्यों का समृद्धि क्षेत्रों में विशेषज्ञता होती है जो समूहों को सहायकता प्रदान करते हैं।

इसके अलावा, ग्राम संगठन अक्सर स्थानीय ग्रामीण समुदायों में स्वयं सहायता समूहों की बैठकों और योजनाओं का समर्थन करने के लिए सक्रिय होता है। यह समूहों को उनकी समस्याओं का समाधान तथा सुस्त विकास की स्थिति से निकालने में मदद करने के लिए संबंधित सरकारी योजनाओं के साथ भी मिलता है।

ग्राम संगठन के अध्यक्ष, सचिव, और अन्य पदों का चयन समूह के सदस्यों के बीच से होता है, जो अपनी योग्यता और सामृद्धिक विकास की दिशा में सकारात्मक योजनाओं के प्रति संतुलन बनाए रखते हैं।


5. सचिव की नौकरी

स्वयं सहायता समूह में सचिव का महत्वपूर्ण योगदान होता है, और प्रत्येक समूह में संचालन के लिए एक सचिव का चयन किया जाता है। यह सचिव महिलाओं के लिए कार्य करते हैं और उनकी समस्याओं को सुनिश्चित करने के लिए समूह का प्रबंधन करते हैं। उनका कार्य समूह के सदस्यों की समस्याओं को पहुंचाना, उन्हें मिलने वाले लाभ की जानकारी प्राप्त करना, और इस जानकारी को बाकी सदस्यों तक पहुंचाना होता है। इस प्रकार, सचिव समूह के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ग्राम पंचायत में सचिव ग्राम पंचायत का प्रमुख नौकरीयों में से एक होता है। यह सचिव ग्राम पंचायत के प्रशासनिक कार्यों को संचालित करने और समृद्धि क्षेत्रों के प्रबंधन में सहायकता करने के लिए जिम्मेदार होता है। सचिव की भूमिका मुख्यतः पंचायत के कार्यों को सुनिश्चित करना और सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ मिलकर प्रभावी तरीके से पंचायत की सेवाओं को प्रबंधित करना होता है।

6. मनरेगा की नोकरी

ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित मनरेगा के कार्यों का प्रबंधन अब स्वयं सहायता समूहों के द्वारा किया जाता है। इस प्रकार, इस स्कीम से लाभ प्राप्त करने वाले लोगों में सीधे रूप से महिलाएं शामिल होती हैं। विशेष रूप से ऐसी महिलाएं जो पढ़ी लिखी नहीं हैं या बहुत ही कम पढ़ी लिखी हैं, और जो रोजगार की तलाश में हैं, वे स्वयं सहायता समूह से संपर्क करके मनरेगा की नौकरी प्राप्त कर सकती हैं। इस योजना के अंतर्गत, वे रोजाना कार्य करके ₹400 रुपये की आदान-प्रदान कर सकती हैं।

मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) में काम करने के लिए निम्नलिखित तरीके हैं:

  1. पंचायत से संपर्क करें:
  • अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं, तो पहले अपनी पंचायत के पंचायत सचिव या ग्राम पंच से संपर्क करें।
  • उन्हें आपकी रोजगार योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी दें और वे आपको मनरेगा योजना के तहत काम करने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं।

2. स्वयं सहायता समूह से संपर्क करें:

  • आप स्वयं सहायता समूह के सदस्यों से भी संपर्क कर सकते हैं और उन्हें अपनी आवश्यकताओं और रोजगार की इच्छा के बारे में बता सकते हैं।
  • वे आपको मनरेगा के तहत काम करने के लिए आवश्यक फॉर्म भरने और योजना के तहत काम करने के लिए प्रक्रिया का मार्गदर्शन करेंगे।

3. गाँव के मुखिया से संपर्क करें:

  • आप अपने गाँव के मुखिया से भी संपर्क कर सकते हैं और उन्हें आपकी रोजगार से जुड़ी आवश्यकताओं के बारे में बता सकते हैं।
  • गाँव के मुखिया आपको ग्राम पंचायत और मनरेगा के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं और आपको काम प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

4. ग्राम पंचायत कार्यालय में आवेदन करें:

  • आप ग्राम पंचायत के कार्यालय में जाकर मनरेगा के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहां आपको आवश्यक फॉर्म और आवश्यक दस्तावेज मिलेंगे जिन्हें भरकर और सही तरीके से सबमिट करके आप काम प्राप्त कर सकते हैं।

5. समूह के सदस्य बनें:

  • आप स्वयं सहायता समूह के सदस्य बनकर भी मनरेगा कार्यों में शामिल हो सकते हैं। इससे आपको योजना के अनुसार काम मिलने की संभावना बढ़ सकती है।

आपको मनरेगा के लिए काम प्राप्त करने के लिए ऊपर बताए गए किसी भी तरीके का चयन कर सकते हैं और अपने गाँव या क्षेत्र के स्थानीय प्रशासन से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

7. जल सखी की नौकरी

स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रबंधित रोजगारों में एक महत्वपूर्ण पद है जल सखी का, जो स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को सौंपा जाता है। इस पद के लिए पढ़ी-लिखी सदस्यों का चयन किया जाता है और उन्हें ₹6,000 का मासिक वेतन प्रदान किया जाता है। जल सखी का मुख्य कार्य है उन्हें उनके ग्राम में चल रही हर घर नल योजना के बिल का वसूली करना और जल संबंधित समस्याओं का समाधान करना।

जल सखी बनने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:-

  1. स्थानीय स्वयं सहायता समूह से संपर्क स्थापित करें:
    • अगर आपके गाँव में कोई स्वयं सहायता समूह है, तो उनसे मिलें और अपनी इच्छा व्यक्त करें कि आप जल सखी बनना चाहते हैं।
    • समूह के सदस्यों से मार्गदर्शन प्राप्त करें और उन्हें अपने कौशल और रुचियों के बारे में बताएं।
  2. जल सखी की प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लें:
    • स्थानीय प्रशासन या संबंधित संगठन द्वारा आयोजित जल सखी की प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लें।
    • यहां आपको जल सखी के कार्यों, नल योजनाओं, और जल संरक्षण से संबंधित जानकारी प्राप्त होगी।
  3. समूह के सदस्य बनें:
    • स्थानीय स्वयं सहायता समूह में सदस्य बनें और समूह के लोगों के साथ मिलकर काम करें।
    • समूह के साथ जल सखी के कार्यों में भी शामिल होने का अनुरोध करें और उनसे सीखें।
  4. ग्रामीण क्षेत्र में जल सखी के कार्यों का संचालन करें:
    • समूह और स्थानीय प्रशासन की मार्गदर्शन में जल सखी के कार्यों का संचालन करें।
    • नल योजनाओं के बिल वसूली का कार्य करें और ग्रामीण क्षेत्र में जल संरक्षण को प्रोत्साहित करें।
  5. अधिक जागरूकता फैलाएं:
    • अपने गाँव में जल सखी के माध्यम से होने वाले लाभों की जानकारी बाँटें।
    • ग्रामीण समुदाय को जल संरक्षण में सहायक होने के लिए प्रेरित करें और उन्हें शिक्षित करें।
  6. स्थानीय प्रशासन से सहायता प्राप्त करें:
    • आपको जल सखी के रूप में सम्मानित करने के लिए स्थानीय प्रशासन से सहायता प्राप्त करें।
    • वे आपको और आपके समूह को जल संरक्षण के क्षेत्र में अधिक समर्थन प्रदान कर सकते हैं।

8. कृषि सखी की नौकरी

कृषि सखी एक स्वयं सहायता समूह द्वारा चयनित की जानेवाली प्रमुख नौकरी है, जिसमें पढ़ी-लिखी, साथ ही खेती के क्षेत्र में कौशल से सुसज्जित महिला का चयन होता है। इसके लिए चयनित महिलाओं को कृषि सखी के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिसके बाद वे अनुभवी किसानों को खेती के क्षेत्र में मार्गदर्शन करने में मदद करती हैं।

प्रशिक्षण के दौरान, महिलाएं नहीं सिर्फ खेती की कौशल सीखती हैं बल्कि वे उन उपायों को भी सीखती हैं जो फसल की देखभाल, विकास, और संरक्षण के लिए किटनाशकों का प्रबंधन करने में मदद करते हैं। इस प्रकार, कृषि सखी उन महिला किसानों को सही तरीके से खेती करने में मार्गदर्शन करके उन्हें अधिक मुनाफा कमाने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है।

कृषि सखी बनने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. स्थानीय स्वयं सहायता समूह में सहयोग करें:
    • अगर आपके गाँव में कोई स्वयं सहायता समूह है, तो उससे मिलें और अपनी इच्छा व्यक्त करें कि आप कृषि सखी बनना चाहते हैं।
    • समूह के सदस्यों से मिलकर उनकी मदद करें और कृषि सखी बनने के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण प्राप्त करें।
  2. कृषि सखी की प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लें:
    • स्थानीय प्रशासन या कृषि विभाग द्वारा आयोजित कृषि सखी की प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लें।
    • यहां आपको कृषि तथा सहायता के क्षेत्र में जानकारी प्राप्त होगी और आप अच्छे से सीख सकेंगे कि कृषि सखी कैसे काम करती है।
  3. समूह के सदस्य बनें:
    • स्थानीय स्वयं सहायता समूह में सदस्य बनें और समूह के साथ मिलकर कृषि सखी के कार्यों में भाग लें।
    • समूह के सदस्यों के साथ मिलकर अच्छे से काम करने का अनुरोध करें और उनकी मदद करें।
  4. कृषि सखी के कार्यों का संचालन करें:
    • समूह और स्थानीय प्रशासन की मार्गदर्शन में कृषि सखी के कार्यों का संचालन करें।
    • खेती के क्षेत्र में आए नए तकनीकी उपायों और कृषि उत्पादों के बारे में जानकारी प्रदान करें।
  5. ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता फैलाएं:
    • अपने गाँव में कृषि सखी के माध्यम से होने वाले लाभों की जानकारी बाँटें।
    • ग्रामीण समुदाय को बेहतर खेती प्रथाओं और नई तकनीकों के साथ परिचित कराएं ताकि वे अधिक मुनाफा कमा सकें।
  6. स्थानीय प्रशासन से सहायता प्राप्त करें:
    • स्थानीय प्रशासन से कृषि सखी के रूप में सम्मानित करने के लिए सहायता प्राप्त करें और उनके साथ सहयोग करें।
  7. समृद्धि की दिशा में काम करें:
    • अपने क्षेत्र में कृषि सखी के रूप में अपनी समृद्धि की दिशा में काम करें और ग्रामीण समुदाय को साकारात्मक दिशा में अग्रणी बनाएं।

9. पशु सखी की नौकरी

हाल ही में, सरकार ने स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के लिए एक नई रोजगार क्षेत्र में पशु सखी की नौकरी की घोषणा की है। इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने के लिए स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को मौका प्रदान किया जा रहा है। पशु सखी बनने का विवरण और उससे जुड़े विविध पहलुओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप इस विषय पर लिखित लेख को पढ़ सकते हैं। पशु सखी का प्रमुख कार्य पशुपालन से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त करना है और इसे विभिन्न पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए उपयोग करना है। पशु सखी सर्वेक्षण करती है और दूधारू पशु की स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी प्राप्त करती है, जिससे उन्हें इन पशुओं का उचित ध्यान और देखभाल करने की क्षमता होती है। इसके बाद, वह समस्याएं तुरंत निपटाती है, जिससे पशुपालकों को सही मार्गदर्शन प्राप्त होता है और उन्हें पशु पालन के क्षेत्र में सुधार करने में सहारा मिलता है।

पशु सखी बनने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:

  1. शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करें:
    • पहले तो आपको एक स्थानीय पशुपालन प्रशिक्षण केंद्र या कृषि विद्यापीठ से पशुपालन और सम्बंधित क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करनी होगी।
  2. स्वयं सहायता समूह से जुड़ें:
    • स्वयं सहायता समूहों के साथ सहयोग करें और उनसे जुड़ें, क्योंकि यह आपको स्थानीय समुदाय की जरूरियों को समझने में मदद करेगा।
  3. स्थानीय पशुपालकों से सहयोग करें:
    • आपको अपने स्थानीय पशुपालकों के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि आप पशुपालन के लोगों की जरूरियों को सीधे रूप से समझ सकें।
  4. ग्रामीण क्षेत्रों में काम करें:
    • आपको ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर पशुपालन से संबंधित कामों में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
  5. पशुपालन के लिए तकनीकी ज्ञान प्राप्त करें:
    • पशुपालन के लिए नवीनतम तकनीकी ज्ञान को सीखें ताकि आप पशुओं की अच्छी देखभाल और प्रबंधन कर सकें।
  6. स्वयं को स्वीकृति दें:
    • आपको यह स्वीकार करना होगा कि आप गाँव की महिलाओं को पशुपालन से जुड़ाव बढ़ाने में मदद कर सकती हैं और आपमें इस क्षेत्र में काम करने की इच्छा है।
  7. शुरुआती रूप से सहायक कार्य करें:
    • पहले तो आप अच्छे पशुपालनिक के साथ मिलकर काम करें ताकि आप अच्छे अनुभव प्राप्त कर सकें और आपको स्थानीय जनसंख्या के साथ मेल-जोल हो सके।

10. बिजली सखी का नौकरी

स्वयं सहायता समूह के सदस्य बिजली सखी के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस पद के लिए चयनित होने के लिए कम से कम 12वीं पास महिलाएं आवेदन कर सकती हैं और उन्हें एग्जाम और इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करनी होती है। पास होने के बाद, बिजली सखी को अपने गाँव में कार्य क्षेत्र मिलता है, जहां उन्हें बिजली बिल का भुगतान करने, मीटर रीडिंग लेने और बिजली संबंधित शिकायतों का समाधान करना होता है। स्वयं सहायता समूह के द्वारा बिजली सखी को चयनित किया जाता है, जिससे गाँव की बिजली सेवाओं को सुधारने और समुदाय को सशक्त बनाने में मदद होती है।

बिजली सखी बनने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:

  1. योग्यता की जांच करें: बिजली सखी बनने के लिए आवश्यक योग्यता की जाँच करें। कई स्थानों पर, कम से कम 12वीं पास होना आवश्यक हो सकता है।
  2. आवेदन पत्र भरें: स्थानीय स्तर पर बिजली सखी के पदों के लिए आवेदन पत्र भरें। इसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, शैक्षिक योग्यता, और अन्य आवश्यक जानकारी शामिल होनी चाहिए।
  3. चयन प्रक्रिया पारित करें: आपके द्वारा भरे गए आवेदन पत्र के आधार पर, आपको एक चयन प्रक्रिया में भाग लेकर भी बना जा सकता है।

11. सामुदायिक शौचालय केयर टेकर नौकरी

सामुदायिक शौचालय केयर टेकर” एक नौकरी होती है जो सामुदायिक स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करती है। इस नौकरी का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छता बनाए रखना है, विशेषकर सामुदायिक शौचालयों की देखभाल करना। इसमें शौचालय क्षेत्र की सफाई, निरीक्षण, अनुरक्षण और सुरक्षा सहित कई कार्यों का संचालन शामिल हो सकता है। इससे सामुदायिक स्वच्छता की अवस्था में सुधार होता है और स्थानीय लोगों को स्वच्छता सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, सामुदायिक शौचालय केयर टेकर समुदाय में स्वच्छता जागरूकता फैलाने में भी सहायक होते हैं।

सामुदायिक शौचालय केयर टेकर बनने के लिए निम्नलिखित कदम अनुसरण किए जा सकते हैं:

  1. शिक्षा और प्रशिक्षण:
    • सबसे पहले, सामुदायिक शौचालय केयर टेकर बनने के लिए आपको उच्चतम स्तर की शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए।
    • स्वच्छता से संबंधित क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करना भी महत्वपूर्ण है।
  2. अनुभव प्राप्त करें:
    • सामुदायिक स्वच्छता कार्यों में अनुभव प्राप्त करने के लिए स्थानीय स्वच्छता अभियानों में शामिल हों।
    • स्वच्छता परियोजनाओं में स्वयं सहायता समूहों या स्थानीय संगठनों के साथ काम करें।
  3. टेक्निकल ज्ञान प्राप्त करें:
    • शौचालय तकनीकी दृष्टि से समर्थ बनने के लिए विभिन्न शौचालय तकनीकियों का अध्ययन करें।
    • शौचालय की सुरक्षा और सफाई के लिए आवश्यक उपकरणों का उपयोग सीखें।
  4. सामुदायिक संबंध बनाएं:
    • स्थानीय सामुदायिक संगठनों और स्वच्छता परियोजनाओं से जुड़कर सामुदायिक स्वच्छता में अपना योगदान दें।
    • लोगों के साथ मिलकर शौचालयों की उपयोगिता को बढ़ावा दें और स्वच्छता की जागरूकता फैलाएं।
  5. साक्षरता और जागरूकता:
    • शौचालय केयर टेकर के रूप में, साक्षरता को बढ़ावा दें और लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित करें।
  6. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं:
    • सरकारी स्वच्छता योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध नौकरियों का लाभ उठाएं और इन योजनाओं में शामिल हों।
  7. पेशेवर विकास:
    • सामुदायिक शौचालय केयर टेकर के रूप में पेशेवर विकास के लिए नियमित रूप से अपने आत्मविकास पर काम करें और संबंधित नौकरियों के लिए आवश्यक योग्यता हासिल करें।

यह उपायों की मदद से आप सामुदायिक शौचालय केयर टेकर बनने की कड़ी मेहनत और तैयारी कर सकते हैं।

12. बीसी सखी नौकरी

“बैंकिंग करेस्पोंडेंट सखी” एक बैंकिंग क्षेत्र की नौकरी है जो स्वयं सहायता समूहों के लिए बनाई गई है। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर बैंक सेवाओं को पहुंचाना है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त हो सकें।

बैंकिंग करेस्पोंडेंट सखी का काम निम्नलिखित हो सकता है:

  1. बैंक सेवाओं का प्रचार-प्रसार: उन्हें स्थानीय स्तर पर बैंक की सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना होता है और लोगों को बैंकिंग सुविधाओं के बारे में जागरूक करना होता है।
  2. खाता खोलना: उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के बैंक खाते खोलने में मदद करना हो सकता है।
  3. जमा और निकासी की सेवाएं: वे लोगों की जमा और निकासी की सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
  4. बैंक कार्य संबंधित सहायता: उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को बैंक कार्य से संबंधित सहायता करना हो सकता है।
  5. आधार-आधारित सेवाएं: बैंकिंग करेस्पोंडेंट सखी आमतौर पर आधार-आधारित सेवाएं भी प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि आधार कार्ड से जुड़ी सेवाएं।

इस पद के लिए आवश्यक योग्यता और कार्यक्षमता की जानकारी निर्दिष्ट संगठन या स्थानीय बैंक की नीतियों पर निर्भर करती है।

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13. आजीविका सखी

“आजीविका सखी” एक प्रशिक्षित पेशेवर व्यक्ति होती है जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी और सहारा निर्मित करने के लिए ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित करने का कार्य करती है। इसका मुख्य उद्देश्य है महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में आजीविका साधने की क्षमता प्रदान करना है।

आजीविका सखी के कार्यक्षेत्र में शामिल हो सकते हैं:

  1. कृषि और पशुपालन: गाँव की महिलाओं को कृषि और पशुपालन से जुड़ी नई तकनीकों और बेहतर प्रबंधन प्रथाओं का प्रशिक्षण देना।
  2. हस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं: स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता बढ़ाना और गाँववालों को स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ के बारे में बताना।
  3. सामुदायिक विकास: सामुदायिक संगठनों को बनाने और स्थापित करने में मदद करना।
  4. आत्म-उत्थान और कौशल विकास: महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकसित करने में मदद करना, जैसे कि बुनाई, किलाई, गुण्ठाई आदि।
  5. ऋण और बचत समृद्धि: महिलाओं को ऋण और बचत के माध्यम से आर्थिक स्वायत्तता प्राप्त करने में मदद करना।
  6. सामाजिक जागरूकता: महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर जागरूक करना और उन्हें सामाजिक समरसता की ओर मोड़ने में मदद करना।

आजीविका सखी का कार्यक्षेत्र विभिन्न संगठनों, सरकारी योजनाओं या गैर-सरकारी संगठनों में हो सकता है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काम करते हैं।

14. समूह सखी नौकरी

समूह सखी एक स्वयं सहायता समूह में सदस्यों को सहायता प्रदान करने वाली नौकरी होती है। इसका मुख्य उद्देश्य समूह के सदस्यों को विभिन्न क्षेत्रों में स्वावलंबी बनाए रखना है। समूह सखी की जिम्मेदारी निम्नलिखित कार्यों को समर्पित हो सकती है:

  1. सदस्यों के साथ संवाद: समूह सखी समूह के सदस्यों के साथ संपर्क बनाए रखती है और उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं को सुनती है।
  2. विभिन्न योजनाओं की जानकारी: समूह सखी सदस्यों को सरकारी और गैर-सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करती है ताकि वे उनका उपयोग कर सकें और स्वावलंबी बन सकें।
  3. कौशल विकास: समूह सखी सदस्यों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकसित करने में मदद करती है, जैसे कि उद्यमिता, कृषि, उद्योग, आदि।
  4. समूह की संगठना: समूह सखी समूह को सच्चाई से और सही तरीके से चलाने में मदद करती है और सदस्यों के बीच साहित्य बनाए रखती है।
  5. सामूहिक उत्सव और तारीखें: विभिन्न सामूहिक उत्सवों और तारीखों की योजना बनाने में मदद करती है ताकि समूह का सामूहिक और सांस्कृतिक विकास हो सके।
  6. समूह की विपणी और विपणीय योजनाएं: समूह सखी सदस्यों को विपणी के क्षेत्र में मार्गदर्शन करती है और उन्हें बाजार में उनके उत्पादों को बेचने के लिए समर्थ बनाने में सहायक होती है।

समूह सखी का काम समृद्धि और स्वावलंबीता को बढ़ावा देना है, जिससे समूह के सदस्य सामूहिक और आत्मनिर्भर बन सकें।

इन पदों की जानकारी स्वयं सहायता समूह के माध्यम से प्राप्त की जाती है, और कार्य भी स्वयं सहायता समूहों के लिए ही किया जाता है। इसमें सभी पदों के लिए महिलाओं को आवेदन करने का अधिकार है, जो ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं समूह के साथ मिलकर आर्थिक रूप से समृद्धि प्राप्त करना चाहती हैं।

स्वयं सहायता समूहों में विभिन्न पदों पर नौकरियां आ सकती हैं, जो समृद्धि और समृद्धि की दिशा में काम करती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख पदों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  1. अध्यक्ष (President): समूह की अध्यक्ष वह व्यक्ति होती है जो समूह की कार्यवाही की नेतृत्व करती है और सभी सदस्यों को मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करती है।
  2. सचिव (Secretary): समूह का सचिव संगठन की सभी गतिविधियों का शुभारंभ और संचालन करने में सहायक होता है।
  3. कोषाध्यक्ष (Treasurer): समूह का कोषाध्यक्ष सभी आर्थिक पहलुओं का ध्यान रखता है और समूह के लेखा-जोखा की जिम्मेदारी निभाता है।
  4. बैंक सखी (Bank Sakhi): बैंक सखी समूह के सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई जाती है, जिसमें वह लोग शामिल हो सकते हैं जो बैंकीय सेवाओं का उपयोग करना चाहते हैं और उन्हें वित्तीय सावधानियों की जानकारी प्रदान कर सकती हैं।
  5. बिजली सखी (Electricity Sakhi): बिजली सखी समूह के सदस्यों को बिजली बिल भुगतान और मीटर रीडिंग के संबंध में सहायता करती है।
  6. जल सखी (Water Sakhi): जल सखी समूह के सदस्यों को सबसे सुरक्षित और स्वास्थ्यपूर्ण जल प्रदान करने में मदद करती है और जल संबंधी समस्याओं का समाधान करती है।
  7. कृषि सखी (Agriculture Sakhi): कृषि सखी समूह के सदस्यों को नई तकनीकों और बेहतर कृषि प्रथाओं का प्रशिक्षण देती है और उन्हें अधिक पैशबाजी करने के लिए मदद करती है।
  8. सामुदायिक शौचालय केयर टेकर (Community Toilet Caretaker): इस सखी का कार्य सामुदायिक शौचालयों की सफाई, रख-रखाव, और लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित करना होता है।

इन नौकरियों के अलावा भी स्वयं सहायता समूहों में अन्य कई पद हो सकते हैं, जो स्थानीय समृद्धि की प्रक्रिया में योगदान करते हैं।

Self Help Group News: स्वयं सहायता समूह में क्या क्या मिलता है?

निष्कर्ष: स्वयं सहायता समूह में नौकरियां Swayam Sahayata News

आशा है कि यह छोटी और महत्वपूर्ण जानकारी आपको पसंद आई होगी। कामकाजी या पढ़ी लिखी ग्रामीण महिलाएं, जो स्वयं सहायता समूह में नौकरी की तलाश में हैं, उनके लिए यह जानकारी सहायक हो सकती है। स्वयं सहायता समूह में नौकरियां शामिल हैं, जिनमें सदस्यों को अध्यक्ष, सचिव, बिजली सखी, जल सखी, कृषि सखी की नौकरियां मिल सकती हैं। चयनित महिलाओं को मासिक वेतन ₹6,000 से ₹15,000 के बीच दिया जाता है।

इस जानकारी के बाद, आप इन पदों के लिए नौकरी के आवेदन पर विचार कर सकते हैं और स्वयं सहायता समूह में योगदान करने का मौका प्राप्त कर सकते हैं।

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