लगभग 1000 से ज्यादा पंचायत सहायकों ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है
आपको अपडेट करने जा रहा हूं पंचायत सहायकों के बारे में बहुत बड़ी खबर को जी हां दोस्तों अगर आप पंचायत सहायक है
या उत्तर प्रदेश की कोई भी संविदा कर्मी है या उत्तर प्रदेश के आप निवासी ही क्यों ना हो आपको इस को अंत तक देखना चाहिए इस
में बताऊंगा किस तरीके से पंचायत सहायकों की भर्ती हुई और लगभग 1000 से ज्यादा पंचायत सहायकों ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है
सम्मान दिया और दूसरी जगह नौकरी लगने का कारण इस्तीफे में साफ लिखा गया है पंचायत सहायक पद खाली है वहां पर चयन प्रक्रिया
के लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति ली जाएगी इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी
ऐसा डीपीआरओ मेरठ के द्वारा कहा गया है कैसे आप पंचायत सहायक पद पर बने रह सकते हैं और आप अंत में अस्थाई भी हो सकते हैं
डिस्ट्रिक्ट एटा में आपके सामने रख रहा हूं मेरठ जिले से 479 पद हैं पंचायत सहायक के उनमें से 25 लोगों ने इस्तीफा दिया है बुलंदशहर
में 937 से 62 लोगों ने इस्तीफा दिया बिजनौर में 859 पद 37 लोगों ने इस्तीफा दिया है मुजफ्फरनगर में 477 ग्राम पंचायत सहायक के पद
किस लोगों ने इस्तीफा दिया है बागपत में 244 अट्ठारह लोगों ने इस्तीफा दिया शामली में 230 पद हैं पंचायत सहायक उसमें से 16 लोगों ने
सिफा देसी तरीके से हापुड़ में 246 लोगों ने इस्तीफा दिया है
ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक बनने के लिए जिन युवाओं ने कड़ी जतन के
नौकरी पाई थी मात्र 3 महीने में उन सब का नौकरी से मुंह बंद होने लगा है मंदी और ज्यादा मानदेय की कारण मेरठ सहारनपुर मंडल की
करीब 235 पंचायत सहायकों ने इस्तीफा दे दिया है यानी मानदेय कम और काम ज्यादा लिया जा रहा है विभाग द्वारा इसका इस्तीफा भी
स्वीकार कर लिया गया है पंचायतों में चुनाव होने के बाद शासन ने पंचायतों में पंचायत सहायक रखने के आदेश दिए थे मिर्च के आधार पर
इनका चयन किया गया और दिसंबर में ही नौकरी दे दीजिए
मगर काम का बोझ बेहद ही कम दफ्तर के अन्य खर्चे आदि के
कारण मात्र 3 महीने में ही युवाओं का नौकरी से मन भर गया इसके चलते तमाम पंचायत सहायकों ने पद से इस्तीफा दे दिया गया है
मानदेय कम होना सबसे करण साबित हो रहा है दुधवा में हम लोग बात करते हैं किस तरीके से आने वाले समय में ज्यादातर लोग परेशान
हैं अपनी कुलिकी तो कई जगह लोग परेशान हैं तुम मानदेय को लेकर दोस्तों इतना ही नहीं आगरा और बड़ी बरेली मंडल की जिलों से भी
काफी पंचायत सहायकों ने इस्तीफा दे दिया है हजार रुपए का नौकरी से गुजारा नहीं हो पा रहा है इसीलिए पंचायत सहायकों ने इस्तीफा
दिया है
लेकिन दोस्तों आपको बता दूं कि आने वाले समय में अगर इस पद पर एक सरकारी नौकरी के लिए आवेदन निकाला जाता तो
आपको पता है कितनी आवेदन आती है अगर पंचायत सहायकों को तत्काल सरकारी कर दिया जाए तो आपको पता है कि क्या उपद्रव मत
सकता है आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते जहां तक मेरा एक सजेशन एक सुझाव है अगर आपकी संविदा कर्मी की पद पर नियुक्ति हुई है
तो आप इस पद पर बनी रहे जहां तक मेरा रिसर्च और अनुमान कहता आने वाले समय में आपको भी तमाम संविदा कर्मियों की तरह भी
अस्थाई किया जा सकता है पंचायत सहायक के पद पर अगर आपको ₹6000 का मासिक मानदेय मिल रहा है तो ज्यादा तो नहीं है लेकिन
बहुत कम भी नहीं है लक्ष्मी लाखों के लिए कई पंचायत सहायकों ने 6000 की तनख्वाह में गुजारा ना होने के कारण बताकर नौकरी से
इस्तीफा दे दिया है
लेकिन दोस्तों मेरा मानना है कि यहां पर पैसा मैटर नहीं करना चाहिए समय में जितने भी पद रिक्त होंगी हों सरकार के
द्वारा एक फिर से शासनादेश निकाला जाएगा और वहां पर फिर से पंचायत सहायकों की भर्ती कराई जाएगी फ्री के बारे में ज्यादा जानकारी
या स्थाई या आपकी मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर कुछ अलग से एक सूचना अलग से शास्त्र आदि सरकार जरूर जारी करेगी तो दोस्तों बस
यही सके
धन्यवाद जय हिंद वंदे मातरम