पुलिस FIR न लिखे तो क्या करें ? जानिए FIR के बारे में सबकुछ यह पर !
नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत करता हूँ, आज हम जिंदगी एक महत्वपूर्ण चीज को जानेंगे, जब आप विकट परिस्थिति से गुजर रहे होते हैं। शासन और प्रशासन किसी के बारे में आपको कोई जानकारी नहीं होती है। तो आपको क्या करना चाहिए ?
FIR क्या है ?
FIR कब करवाई जाती है ?
FIR क्यों करवाई जाती है ?
अगर पुलिस FIR न लिखे तो आप क्या कर सकते हैं ?
FIR क्या है ?
FIR का पूरा मतलब है ये – FIRST INFORMATION REPORT प्रथम सूचना रिपोर्ट। जब भी कोई भी घटना घटित होती है। उस कर बाद सबसे पहले हमें नजदीकी पुलिस स्टेशन मे जाके FIR रिपोर्ट करना होता है। ताकि घटना के बाद पुलिस कारवाही कर सके भारत एक संवैधानिक देश है, जो संविधान द्वारा बनाये गए नियमों के अनुसार चलता है | संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक को मूल अधिकार दिए गए है और वह उन अधिकार के साथ समाज मे हर कानून उस पर भी लागू होता है और उसे वह कानून मानने पड़ेगे जिसके अनुसार उनके साथ यदि देश में सामान्य स्थिति के दौरान किसी भी व्यक्ति द्वारा यदि मूल अधिकारों का हनन करते पाया जाता है, कोई भी प्रकार का अन्याय नहीं हो सकता है, और फिर लड़ाई या झगड़ा करता है या ,कोई और काम करता या किसी भी मामले में अपराधी होता है तो उसके खिलाफ कार्यवाई की जाती है |फिर संविधान द्वारा बनाये गए नियमों का उल्लंघन करता है
FIR कब करवाई जाती है ?
FIR किस किस घटना में करवाई जाती है ? FIR करवाने के लिए दो श्रेणी हैं।
1 – COGNIZABLE OFFENCE (संज्ञेय अपराध) – गंभीर किस्म का, जिसमे पुलिस बिना वारंट किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है।