एजुकेशन

किस कानून के तहत सरकार इंटरनेट बंद कर सकती है ?

क्या दोस्तों आपको पता है कि देश में जब भी कोई अशांति होती है या कोई परेसानी की बात होती है , तो सरकार कुछ फैसले तत्काल लेती है।

उसमे से इंटरनेट सेवाएं बंद करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। सरकार को यह अधिकार किसने और क्यों दिया। इस लेख में हम आज कुछ बातों पर चर्चा करेंगे।

  1. सरकार यह सेवाएं क्यों बंद करती है ?
  2. आज तक कितने राज्यों में इंटरनेट सेवाएं बंद हो चुकी हैं ?
  3. आपको पता है इंटरनेट सेवा बंद होने से कितना नुकसान होता है ?
  4. किस क़ानून के तहत सरकार इंटरनेट सेवाएं बंद करती है ?

सरकार इंटरनेट सेवाएं क्यों बंद करती है ?

इंटरनेट शटडाउन में सरकार का यह तर्क होता है कि अशांति की स्थिति में लोगों को भीड़ लगाने या फिर इकठ्ठा होने से रोकना है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार अपने निर्णय खुद लेती हैं।

Department of Telecommunication, राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए इंटरनेट शटडाउन का कोई डाटा अपने पास नहीं रखता है। या फिर यूँ कहें की कोई रिकॉर्ड नहीं रखता है। Software Freedom एक ऐसी संस्था है जो कि इंटरनेट शटडाउन पूरा का व्यौरा रखती है।

आज तक कितने राज्यों में इंटरनेट सेवाएं बंद हो चुकी हैं ?

अगर हम बात करें तो 2012 से लेकर और 2019 तक की तो कुल 280 बार से भी अधिक बार इंटरनेट शटडाउन किया गया है इस देश भारत में अभी तक

जिसमे से 160 बार व्यवस्था बिगड़ने से पहले और 118 व्यवस्था बिगड़ने के बाद लगाया गया है। अगर एक दूसरे वेबसाइट की मानें तो कुल 357 बार इंटरनेट शटडाउन लगाया जा चुका है।

  1. इंटरनेट शटडाउन इन जम्मू कश्मीर मे हुआ है 180 बार अभी तक
  2. इंटरनेट शटडाउन इन राजस्थान मे हुआ है 67 बार अभी तक
  3. इंटरनेट शटडाउन इन उत्तर प्रदेश मे हुआ है 19 बार अभी तक

इंटरनेट सेवाएं बंद होने से कितना नुकसान होता है ?

अगर हम बात करे तो पिछले 5 साल की तो INDIAN COUNCIL RESEARCH ON INTERNATIONAL ECONOMIC RELATIONS की तो उस के अनुसार भारत में कुल 16000 घंटे इंटरनेट सेवायें बंद हो चुकी हैं अभी तक

आपको जन के अजीब लगे की इस से कुल नुकसान 300 करोड़ डॉलर का हो चुका है। वो भी इंटरनेट सेवायें बंद होने से भारत देश में कुल 67 % से अधिक इंटरनेट शटडाउन हो चुका है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक इतना शटडाउन और किसी भी देश में आजतक नहीं पहले कभी नहीं हुआ है। वैसे तो हमको सरकार हमे डिजिटल इंडिया कहते आ रहे हैं मगर सही मायने में देखे तो सबसे ज्यादा इंटरनेट शटडाउन भी हमारे इंडिया मे ही होता आ रहा है

किस क़ानून के तहत सरकार इंटरनेट सेवाएं बंद करती है ?

  1. कोई भी राज्य सरकार THE TEMPORARY SUSPENSION OF TELECOM SERVICES (PUBLIC EMERGENCY OR PUBLIC SAFETY) RULES 2017 के तहत कभी भी इंटरनेट शटडाउन कर सकती है।
  2. केंद्र सरकार भी द टेम्परेरी सस्पेन्शन ऑफ लेलेकोम सर्विसेज़ (PUBLIC EMERGENCY OR PUBLIC SAFETY) RULES 2017 के तहत कभी भी इंटरनेट शटडाउन कर सकती है।
  3. कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CRPC), 1973 सेक्शन की 144 के तहत DISTRICT MAGISTRATE / SUB DIVISIONAL MAGISTRATE भी इंटरनेट सेवाएं बंद करवा सकते हैं।
  4. खास बात यह है कि कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CRPC), 1973 SECTION 144 के तहत राज्य सरकारें भी EXECUTIVE MAGISTRATE कभी भी इंटरनेट शटडाउन कर सकती है।
  5. द इंडियन टेलग्रैफ ऐक्ट 1885 सेक्शन 5(2) के तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार पब्लिक इमरजेंसी, पब्लिक के भलाई के लिए या फिर भारत की एकता और सम्प्रभुता को बनाये रखने के लिए भी कभी कभी इंटरनेट को पूरी तरह से शटडाउन कर सकती है।

अगर दोस्तों आप यह लेख मे यह तक आ गये तो हमको आपने कमेन्ट के करके बात सकते है की कैसा लगा। आपको उम्मीद कर रहा हूँ की अच्छा लगा होगा। अगर कोई गलती हुई है तो लेखक मे तो हमे कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते है।हम सभी इस देश की निवासी है। और हमारे कर्तव्य बनते हैं की हम सभी अपने देश की अखंडता और सम्प्रभुता को बनाये रखने में मदद करें। जय हिन्द। धन्यवाद।

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