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समूह का नाम कैसे रखें । swayam sahayata samuh ka naam kaise rakhe 2023

समूह का नाम कैसे रखें : भारत में महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने के लिए nrlm राष्ट्रीय आजीविका मिशन की स्थापना की गई। भारत सरकार की इस योजना के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की swayam sahayata samuh का गठन करने और समूह गठन के बाद आंतरिक बचत के विभिन्न तरीके सिखाए जाते हैं। फिर से समूह की महिलाएं समूह गठन के पश्चात साप्ताहिक बैठक करती हैं। समूह की बैठक में एक निश्चित धनराशी जैसे 10 या 20 रुपए प्रति सदस्य जमा किए जाते हैं। इस जमा की गई धनराशि को समूह के नाम पर खोले गए खाते में जमा किया जाता है। फिर इतना ही नहीं आपके जमा राशि पर सरकार आपको विभिन्न योजनाओं का लाभ और व्यापार के लिए लोन बेहद कम ब्याज पर उपलब्ध करवाती है।

स्वयं सहायता समूह का नाम कैसे रखें?

समूह का नाम कैसे रखें : स्वयं सहायता समूह गठन से पहले समूह का नाम निश्चित करना अनिवार्य होता है। समूह का नाम कैसे रखा जाता है इस लेख में विस्तार से आइए जानते हैं। swayam sahayata samuh का नाम कैसे रखें?

स्वयं सहायता समूह में 11 से 21 महिलाएं जुड़ सकती हैं। समूह में महिलाओं को जुड़ने के बाद समूह सखी उस समूह का नाम रखते हैं। समूह के नाम का चयन किसी प्रेरणादायक व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाता है। समूह सखी के बारे में आपको पता होगा।

समूह का नाम ऐतिहासिक व्यक्तियों में से किसी ऐसे व्यक्ति अथवा महिला के नाम पर रखा जाता है। जिसने भूतपूर्व इतिहास में मानव विकास अथवा संस्कृति के विकास और समृद्धि में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए याद की जाती हो। Swayam sahayata samuh का नाम आप रानी लक्ष्मीबाई प्रेरणा समूह, बाबा साहेब प्रेरणा समूह, रानी झलकारी बाई प्रेरणा समूह आदि रख सकते हैं।

समूह का नाम कैसे रखें

भारतीय इतिहास में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से अपने राज्य की रक्षा के लिए लड़ते हुए साहस पूर्व बलिदान दे दिया था। इसी प्रकार अन्य ऐतिहासिक व्यक्तियों अथवा देवी देवताओं के नाम पर भी समूह का नाम रखा जा सकता है। बाकि आपकी अपनी पसंद सबसे अच्छी होगी।

नीचे कुछ समूह के नाम सुझाए जा रहे हैं इनमें से आप कोई भी नाम रख सकते हैं। आपको बता दें नीचे जो नाम दिए जा रहे हैं उनमें से कई नाम पहले से ही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने रख लिया है। ध्यान रहे आपके गांव में उस नाम से संबंधित कोई समूह नहीं होना चाहिए। यदि होगा और आपने अपना नाम रख लिया है तो इससे कोई दंडात्मक प्रक्रिया नहीं की जाएगी। लेकिन आपके समूह का नाम दूसरी समूह से अलग होना चाहिए। ताकि भविष्य में किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े।

  1. लक्ष्मी प्रेरणा समूह
  2. दुर्गा प्रेरणा समूह
  3. सरस्वती प्रेरणा समूह
  4. रानी लक्ष्मीबाई प्रेरणा समूह
  5. तुलसी प्रेरणा समूह।
  6. मां जानकी प्रेरणा समूह।
  7. सीता प्रेरणा समूह।
  8. रानी दुर्गावती प्रेरणा समूह।
  9. मीराबाई प्रेरणा समूह।
  10. राधा प्रेरणा समूह।
  11. बाबा साहेब प्रेरणा समूह
  12. रानी झलकारी बाई प्रेरणा समूह

ऊपर बताए गए सभी समूह के नामों में प्रेरणा शब्द का प्रयोग किया गया है। समूह का नाम रखने में प्रेरणा शब्द का समूह इसलिए किया जाता है क्योंकि वह समूह संबंधित ऐतिहासिक अथवा देवी-देवताओं के नाम से प्रेरित होता है।

इस तरह आप अपने स्वयं सहायता समूह का नाम रख सकते हैं। सरकार द्वारा दिए जा रहे सभी योजनाओं का लाभ भी आप आसानी से उठा सकते हैं।

  • उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के इस युग में महिलाएंँ अपनी स्वाधीनता, अधिकारों और स्वतंत्रता, सुरक्षा, सामाजिक स्थिति आदि के लिये अधिक जागरूक हैं, लेकिन आज तक वे इससे वंचित हैं, इसलिये उन्हें सम्मान के साथ उनके योग्य अधिकार और स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिये। 
  • SHG समाज के ग्रामीण तबके की महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक उन्नति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  • इसके अलावा सरकारी कार्यक्रमों को विभिन्न SHG के माध्यम से लागू किया जा सकता है। यह न केवल पारदर्शिता और दक्षता में सुधार करेगा बल्कि हमारे समाज को महात्मा गांधी की कल्पना के अनुसार ‘स्व-शासन’ के करीब लाएगा। 

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अक्सर पूछें जाने वाले प्रश्न

स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का वेतन कितना है?

स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का वेतन महीने का 10,000 से 15,000 रूपए प्रतिमाह वेतन मानदेय होता है।

स्वयं सहायता समूह क्या है और इसके क्या फायदे हैं?

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) या डीएवाई-एनयूएलएम के तहत गठित एसएचजी के सदस्य या स्वरोजगार के लिए शहरी गरीबों का समूह किसी भी बैंक से इस घटक के तहत रियायती ऋण का लाभ उठा सकता है। समूह उद्यमों में कम से कम तीन (3) सदस्य होने चाहिए जिनमें से कम से कम 70% सदस्य शहरी गरीब परिवारों से हों।

स्वयं सहायता समूह योजना क्या है?

स्व सहायता समूह, समरूप ग्रामीण निर्धनों द्वारा स्वेच्छा से गठित एक समूह है जिसमें समूह के सदस्य अपने आप से जितनी भी बचत आसानी से कर सकते हैं उसका अंशदान उत्पादक, उपभोग अथवा आपातकालीन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ऋण के रूप में देने के लिए परस्पर सहायक होते है।

स्वयं सहायता समूह में कौन कौन सी नौकरी है?

स्वयं सहायता समूह के द्वारा सदस्यों को अध्यक्ष की नौकरी, सचिव की नौकरी, बिजली सखी की नौकरी, जल सखी की नौकरी, कृषि सखी की नौकरी पा सकते हैं। जिनमें चयनित महिलाओं को ₹6,000 से ₹9,000 रूपए प्रति माह वेतन दिया जाता है। जिससे महिला अपनी जीवन यापन अच्छी तरह से कर पाएं।

स्वयं सहायता समूह के नुकसान क्या हैं?

सीमित प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और कौशल उन्नयन : उचित प्रशिक्षण योजनाओं, गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और विशेषज्ञ प्रशिक्षण संस्थानों की कमी है। वित्तीय समावेशन का अभाव: वित्तीय साक्षरता और औपचारिक संस्थानों द्वारा एसएचजी के सदस्यों के उचित कवरेज का अभाव है।

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