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स्वयं सहायता समूह के फ़ायदे क्या हैं । स्वयं सहायता समूह के लाभ क्या हैं । swayam sahayata samuh ke labh

स्वयं सहायता समूह के लाभ। swayam sahayata samuh ke labh

क्या आपको पता है कि भारत सरकार के राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूह से कितना और कैसे लाभ मिलता है? स्वयं सहायता समूह में समूह की महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन(NRLM) के द्वारा विभिन्न पदों पर नौकरियां भी प्रदान किए जाते हैं। एक अच्छे स्वयं सहायता समूह में नौकरियां संविधान अथवा रोजगार के रूप में प्रदान की जाती हैं। इसको आप निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं।

  1. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाएं समूह से अपनी पैसों से सम्बंधित जरूरतों को पूरा करती हैं।
  2. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक संकट अथवा महामारी के समय swayam sahayata samuh के बैंक खाते से आसानी से लोन प्राप्त हो जाता है।
  3. स्वयं सहायता समूह से साप्ताहिक बचत के दौरान जमा किये गए रूपये पर भारत सरकार न्यूनतम ब्याज से अधिक पैसे लोन के तौर पर देती है।
  4. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं किसी भी रोजगार को करने के लिए आसानी से लोन प्राप्त कर सकती हैं।
  5. स्वयं सहायता समूह से किसी भी लघु उद्योग के लिए ₹650000 तक का लोन न्यूनतम ब्याज दर पर प्राप्त किया जा सकता है। वह भी बिना किसी सिक्योरिटी जमा के।
  6. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने के लिए भारत सरकार समय-समय पर उन्हें विभिन्न पदों पर संविदा की नौकरी भी प्रदान करती रहती है।
  7. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को अनेक सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाता है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति समूह से जुड़कर बहुत ही अच्छी हो जाती है।
  8. स्वयं सहायता समूह से लाभ प्राप्त करने के लिए अपने ग्राम संगठन से जुड़े रहें और अपने समूह सखी से विभिन्न योजनाओं की जानकारी लीजिये।
स्वयं सहायता समूह के फ़ायदे क्या हैं । स्वयं सहायता समूह के लाभ क्या हैं । swayam sahayata samuh ke labh

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं समूह से लाभ प्राप्त करने के लिए योजनाओं की जानकारी के लिए अपने समूह सखी से संपर्क कीजिये। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं समूह से लाभ प्राप्त करने के लिए अपने ब्लॉक स्तर पर जाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन(NRLM) के कार्यालय पर ब्लॉक मिशन मैनेजर(BMM) से भी सम्पर्क कर सकती हैं। ताकि सही समय पर उचित राशि प्राप्त की जा सके।

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स्वयं सहायता समूह में नौकरी । swayam sahayata samuh naukari

स्वयं सहायता समूह के फ़ायदे : स्वयं सहायता समूह में समूह की महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन (NRLM) के द्वारा विभिन्न पदों पर नौकरियां भी प्रदान किए जाते हैं। और अच्छे खासे मानदेय भी प्रदान लिए जाते हैं। स्वयं सहायता समूह में नौकरियां संविधान अथवा रोजगार के रूप में प्रदान की जाती हैं। आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह में कितने प्रकार की नौकरियां प्रदान की जाती है।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन (NRLM) के द्वारा विभिन्न पदों पर कुछ प्रमुख प्रकार की नौकरी की जानकारी नीचे दी जा रही है। जो भी आपके काम और गुणवत्ता पर सही उतरे आप कर सकते हैं।

स्वयं सहायता समूह में समूह सखी की नौकरी । smuh sakhi naukari

smuh sakhi naukari : स्वयं सहायता समूह में समूह सखी की नौकरी के पद पर कार्य करने वाली महिलाओं को अपने ग्राम पंचायत में चलने वाले 2 से 3 समूहों के संचालन का कार्य करना पड़ता है। समूह सखी ग्राम संगठन से जुड़कर कार्य करती है। समूह सखी को समूह संचालन के कार्य के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन की तरफ से वेतन भी दिया जाता है। समूह सखी बनकर आप महीने का 10 से 15 हज़ार आराम से कमा सकते हो।

स्वयं सहायता समूह में BC सखी की नौकरी । BC sakhi naukari

BC sakhi naukari : राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूह में समूह की महिलाओं को BC sakhi (banking correspondent) की नौकरी प्रदान की जाती है। बीसी सखी नौकरी में महिलाएं मिनी बैंक के रूप में गांव में पैसे का लेनदेन करती हैं। बीसी सखी एक ऐसी नौकरी है जिससे आप महीने का लाखों रूपये भी कमा सकते हैं।

इस योजना में आवेदन ब्लॉक स्तर पर ऑफलाइन किए जाते हैं। हाल ही में वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में 58000 ग्राम पंचायतों में बीसी सखी के पदों पर नौकरियां आई थी। लेकिन अभी तक 38000 बीसी सखी को ही नियुक्ति की गयी हैं। बाकि जगहों पर बीसी सखी को समय समय पर ट्रेनिंग और नियुक्ति दी जाती रहती है।

BC सखी योजना में पैसे के लेनदेन एवं कमीशन के रूप में 1 महीने में ₹9000 से लेकर ₹15000 तक आसानी से कमा सकते हैं।

इस योजना में कार्य करने के लिए लैपटॉप एवं फिंगर प्रिंट डिवाइस भारत सरकार की तरफ से प्रदान किए जाते हैं जिनसे आप आधार नंबर और फिंगरप्रिंट के जरिए बैंक से पैसा निकाल और जमा कर सकते हैं।

स्वयं सहायता समूह पशु सखी की नौकरी | Pashu Sakhi naukari

स्वयं सहायता समूह में राष्ट्रीय आजीविका मिशन(NRLM) के तहत पशु सखी की नौकरी दी जाती है। पशु सखी की नौकरी के पद के लिए आवेदन ब्लॉक स्तर पर ऑफलाइन लिए जाते हैं। पशु सखी की नौकरी करने वाली महिला को स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को पशुओं के बारे में जानकारी देना एवं पशुओं से संबंधित योजनाओं की जानकारी देना होता है। इसके लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के द्वारा संविदा पर मानदेय भी दिया जाता है।

पशु सखी के पद पर आवेदन के लिए आपको अपने ब्लॉक स्तर पर संपर्क करना होगा अथवा अपनी समूह सखी से जानकारी लेनी होगी ।

स्वयं सहायता समूह बैंक सखी की नौकरीBank Sakhi Naukari

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बैंक सखी की नौकरी के पदों पर आवेदन बड़ी आसानी से कर सकती हैं। बीसी सखी और बैंक सखी में बहुत अंतर है। बैंक सखी का कार्य स्थानीय ग्रामीण बैंकों में रहकर समूहों के कार्य जैसे बैंक खाता खुलवाना CCL लोन का फॉर्म भरवाना आदि कार्य कराने होते हैं।

स्वयं सहायता समूह में बिजली सखी की नौकरी । Bijali Sakhi Naukari

भारत सरकार ने बिजली विभाग में स्वयं सहायता समूह को नौकरी देने को कहा है। ताकि समूह की महिलाएं आत्म निर्भर बन सके। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को गांव में लगे बिजली मीटर की रीडिंग करके उपभोक्ताओं को बिजली बिल निकाल कर देने का कार्य सौंपा गया है। बिजली बिल निकालने का कार्य करने वाली महिलाओं को बिजली सखी कहा जाता है। इन महिलाओं को सरकार की तरफ से मासिक वेतन भी दिया जाता है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 1000 बिजली कनेक्शन पर एक बिजली सखी की नियुक्ति की जाएगी। बिजली सखी बनने के बाद आपको स्वयं के खर्च से थर्मल प्रिंटर लेना होगा। Thermal printer बाजार मैं 4000 से लेकर ₹5000 तक की धनराशि में बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। इसके अलावा बिजली बिल मीटर रीडिंग के लिए आपके पास एक स्मार्टफोन होना चाहिए।
बिजली विभाग के द्वारा आपको आपके स्मार्टफोन पर एक ऐप दिया जाएगा जिसकी सहायता से आप बिजली बिल के मीटर की रीडिंग कर सकते हैं। मीटर रीडिंग के बाद आपको अपने स्मार्टफोन से बिजली बिल जमा करना होगा। स्मार्टफोन से बिजली बिल जमा करने के लिए आपको अपने वॉलेट को रिचार्ज करवाना होगा। वॉलेट रिचार्ज करवाने के लिए आपको अपने पास से धनराशि जमा करना होगा। बिजली बिल जमा करने और मीटर रीडिंग करने के लिए आपको सरकार की तरफ से मासिक मानदेय प्रदान किया जाएगा। और आगे सरकार कमीशन भी देने का प्रावधान कर सकती है।

यह योजना भारत में कई क्षेत्रों में लागू कर दी गई है। इस योजना की पूर्णतया सफलता के बाद पूरे भारत में से लागू किया जाएगा। ताकि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपनी आजीविका आसानी से चला सकें।


इस प्रकार स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाओं के लिए समूह में राष्ट्रीय आजीविका मिशन(NRLM) की तरह से समय-समय पर अनेक नौकरियां प्रदान की जाती हैं। हालांकि आपको बता दें कि इन नौकरियों को संविदा पर रखा जाता है। संविदा पर नियुक्त नौकरी के पद के लिए कोई निश्चित मानदेय नहीं होता है।

स्वयं सहायता समूह में समूह से जुड़ी महिला सदस्यों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने एवं रोजगार के सृजन हेतु अनेक रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।

Swayam sahayata samuh से  जुड़ी महिलाओं को रोजगार अथवा लघु उद्योग स्थापित करने के लिए ₹650000 की धनराशि CCL loan के रूप में न्यूनतम ब्याज दर पर प्रदान की जाती है।

इसके अलावा स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आप अपने उद्योग के अनुसार 50000 से लेकर ₹500000 या इससे अधिक ₹650000 तक का ऋण ले सकते हैं।

स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर निम्नलिखित प्रकार के रोजगार बड़ी आसानी से प्रारंभ किए जा सकते हैं।

  1. स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अचार पापड़ रोजगार शुरू किया जा सकता है इसमें कम लागत में आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
  2. स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आप मोमबत्ती उद्योग भी लगा सकते हैं।
  3. Swayam sahayata samuh से लोन लेकर आप अगरबत्ती और मोमबत्ती जैसे रोजगार प्रारंभ कर सकते हैं।
  4. Swayam sahayata samuh से loan लेकर डेयरी उद्योग प्रारंभ किया जा सकता है।
  5. स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आजीविका एक्सप्रेस योजना के तहत ₹650000 का लोन लेकर आप ई रिक्शा खरीद कर अपनी कमाई शुरू कर सकते हैं।
  6. स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर आप रेडीमेड वस्त्र रोजगार प्रारंभ कर सकते हैं। स्वयं सहायता समूह से कुछ महिलाएं सिलाई रोजगार प्रारंभ कर सकते हैं, इससे रोजगार के तहत राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के बच्चों की ड्रेस की सिलाई का कार्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रदान किया जाता है।
  7. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सोलर दीदी बना कर सोलर लैंप व्यवसाय करने के लिए प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है।

इस तरह स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाएं CLF 50,000 लोन एवं CCL loan 650000 रूपए लेकर अनेक प्रकार के व्यवसाय कर सकती हैं।

निष्कर्ष

स्वयं सहायता समूह के सबसे महत्वपूर्ण फायदे :

  • गरीबों के बीच बचत आदत विकास करने का माध्यम
  • वृहत पैमाने पर संसाधन की उपलब्धता।
  • एक स्थान से बेहतर तकनीकी एवं बौद्धिक ज्ञान वर्द्धन की सुविधा ।
  • अपने क्षेत्र में ही आपातकालीन, उपयोग एवं उत्पादन कार्य हेतु कर्ज की उपलब्धता।
  • विभिन्न प्रकार का प्रोत्साहन सहायता का उपलब्ध होना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


स्वयं सहायता समूह से क्या क्या लाभ मिलता है?

Answer: स्वयं सहायता समूह के लाभ के बारे में बात किया जाए तो ग्रामीण महिलाओं को ग्राम में संचालित जीविका मिशन के द्वारा रोजगार दिलाने में मदद किया जाता है। सरकार के तरफ से कई तरह की ऐसे कार्यक्रम है जिनमें सीधे ग्रामीण लोगों को रोजगार दिया जाता है। इसी तरह की रोजगार के साथ स्वरोजगार प्रशिक्षण दिया जाता है।


स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का वेतन कितना है?

Answer: स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का वेतन महीने का 10,000 से 15,000 रूपए प्रतिमाह वेतन मानदेय होता है।


स्व सहायता समूह कौन कौन से कार्य करते हैं?

Answer: स्व सहायता समूह, समरूप ग्रामीण निर्धनों द्वारा स्वेच्छा से गठित एक समूह है जिसमें समूह के सदस्य अपने आप से जितनी भी बचत आसानी से कर सकते हैं उसका अंशदान उत्पादक, उपभोग अथवा आपातकालीन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ऋण के रूप में देने के लिए परस्पर सहायक होते है

समूह का वेतन कितना है?

Answer: अकुशल श्रमिकों के समूह का औसत वेतन 10,000 रुपए है और कुशल श्रमिकों के समूह का औसत वेतन 15,000 रुपए है

महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूह से कौन कौन से लाभ पहुंच रहे हैं एक केस स्टडी तैयार करें?

Answer: महिलाओं को समूह में छोटी-छोटी बचत करने तथा अपनी छोटी-मोटी जरूरतों की पूर्ति हेतु समूह में ही न्यूनतम दर पर लेन-देन हेतु सक्षम बनाने में सहयोग प्रदान करना। महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण।

स्वयं सहायता समूह का नियम क्या है?

Answer: सभी एसएचजी सदस्य नियमित रूप से एक छोटी राशि बचाते हैं । राशि छोटी हो सकती है, लेकिन बचत सभी सदस्यों की नियमित और निरंतर आदत होनी चाहिए। “पहले बचत – बाद में ऋण” प्रत्येक एसएचजी सदस्य का आदर्श वाक्य होना चाहिए। जब एसएचजी सदस्य छोटी बचत शुरू करते हैं तो वे आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हैं।

स्वयं सहायता समूह की ब्याज दर क्या है?

Answer: VI ब्याज की दर:

बैंक से स्वयं सहायता समूह: 12% प्रतिवर्ष (ऋण की राशि चाहे कुछ भी हो)।

गरीबों के लिए स्वयं सहायता समूहों के चार फायदे क्या हैं?

Answer: वे गरीबों को बचत और आय सृजन के मामले में आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं क्योंकि बचत के संबंध में निर्णय समूह के सदस्यों द्वारा लिए जाते हैं। वे बैंकों जैसे औपचारिक स्रोतों से कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा का लाभ उठाते हैं। वे अपने समूह के भीतर चर्चा करके स्वरोजगार के अवसर पैदा करते हैं।


पशु सखी का वेतन कितना होता है?

Answer: पशु सखी का वेतन कितना होता है? पशु सखी के लिए चयनित महिला प्रतिनिधि को मासिक वेतन ₹6000 देने का प्रावधान है। पशु सखी की कार्यक्षेत्र उनके अपने पंचायत या ब्लॉक भर में ही होते हैं। पशु सखी का मानदेय स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला सदस्य को ₹6000 रूपये प्रति माह तय किया गया है।

महिला समूह में क्या क्या मिलता है?

Answer: महिला स्वयं सहायता समूह में महिलाएं को शामिल किया जाता है। इसमें सभी सदस्यों द्वारा मासिक आधार पर एक बराबर राशि तय की जाती है, जिसे पदाधिकारियों के पास जमा को अपने रजिस्टर में दर्ज करते है। उसके बाद उस बचत को अपने नजदीकी बैंक में जमा करते है। जहाँ उन्होंने समूह के नाम से बचत खाता खुलवाया है।


मैं स्वयं सहायता समूह कैसे शुरू करूं?

Answer: एसएचजी कैसे आकार लेते हैं? बुजुर्गों और समुदाय के नेताओं से मिलने के बाद, अब आप एसएचजी सदस्यों को बैठक के लिए बुलाने के लिए तैयार हैं। आप प्रत्येक चिन्हित परिवार से एक सदस्य को सुविधाजनक दिन पर बैठक के लिए बुला सकते हैं। इसे “एक स्टार्ट अप मीटिंग” कहा जा सकता है।

एक गांव में कितने समूह बन सकते हैं?

Answer: एक गाँव में अनेक समूह बनाये जा सकते हैं, परन्तु एक व्यक्ति एक से अधिक समूह का सदस्य नहीं होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक समूह का सदस्य बनता है तो संभवतः वह सभी समूह में बचत राशि जमा नहीं कर सकता है और सभी समूहों से ली गई ऋण राशि भी लौटा नहीं सकता।

स्वयं सहायता समूह के 5 सूत्र क्या है?

Answer: उन समूहों को अच्छा समूह माना जाता है जो स्वयं सहायता के पांच सूत्रों का पालन करते हैं. ये पांच सूत्र हैं – समूह की नियमित बैठकें करना, समूह के भीतर नियमित रूप से बचत करना, सदस्यों की मांग के आधार पर आंतरिक ऋण परिचलन करना, ऋण की समय पर चुकौती करना और लेखा बहियों को सही ढंग से रखना.

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