स्वयं सहायता समूह में बैठक प्रस्ताव कैसे लिखें। Swayam sahayata samuh baithak prastav 2023
Swayam sahayata samuh baithak prastav : स्वयं सहायता समूह गठन के बाद समूह की महिलाओं को प्रत्येक सप्ताह बैठक करनी अनिवार्य होती है। बैठक के दौरान समूह की महिलाएं सप्ताहिक बचत और रोजगार के अवसर के लिए चर्चा करती रहती हैं। स्वयं सहायता समूह में कुछ महिलाएं इसे कार्यवाही पुस्तिका (karywahi pustika) के रूप में भी जानती हैं। स्वयं सहायता समूह गठन के बाद समूह की महिलाओं को बिज़नेस करने के लिए छोटे मोटे लोन की आवश्यकता पड़ती रहती है। लेकिन लोन तभी मिलता है जब आप पंचसूत्रों का पालन करते हैं।
समूह की बैठक को एक बैठक कार्यपुस्तिका में समूह सदस्यों के द्वारा दर्ज किया जाना होता है। आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह में बैठक का प्रस्ताव कैसे लिखते हैं। स्वयं सहायता समूह की कार्यवाही पुस्तिका कैसे लिखते हैं इसकी पूरी जानकारी आपको नीचे इस लेख में मिल जाएगी।
स्वयं सहायता समूह में बैठक का प्रस्ताव कैसे लिखना होता है?
Swayam sahayata samuh baithak prastav : स्वयं सहायता समूह गठन के बाद समूह की बैठक में किसी सदस्य को समूह से बाहर करना अथवा किसी नए सदस्य को समूह में शामिल करने के लिए प्रस्ताव पारित करना होता है। इसे कार्यवाही प्रस्ताव कहते हैं। स्वयं सहायता समूह में बचत किए गए पैसों को कहां पर निवेश करना है और कहां निवेश नहीं करना है, स्वयं सहायता समूह के खाते से बैंक ऋण लेकर किस प्रकार का रोजगार करना है इन सभी बातों पर बैठक प्रस्ताव में चर्चा की जानी होती है और इस प्रस्ताव को बैठक पुस्तिका में लिखा जाना होता है। ताकि सभी सदस्यों को इस बात की पूरी जानकारी प्राप्त हो।
समूह बैठक पुस्तिका में बैठक का प्रस्ताव कैसे लिखें?|baithak prsatav kaise likhen
समूह बैठक का प्रस्ताव पुस्तिका कैसे लिखें? Swayam sahayata samuh baithak prastav
Swayam sahayata samuh baithak prastav : राष्ट्रीय आजीविका मिशन (nrlm) द्वारा प्रत्येक समूह को SRF (starting revolving fund) समूह बनाने के लिए दिया जाता है। इस फंड के तहत 15000 रुपए की धनराशि प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को दी जानी होती है। इस धनराशि से समूह की महिलाओं के बैठने हेतु चटाई, बैठक पुस्तिका तथा एक मजबूत बक्सा जिसमें समूह के रजिस्टर आदि रखे जाने होते हैं खरीदा जाता है। स्वयं सहायता समूह में कार्यवाही प्रस्ताव कैसे लिखते हैं नीचे दी गई पूरी जानकारी पढ़े। आइये हम लोग जानते हैं कि समूह बैठक का प्रस्ताव किस प्रकार से लिखा जाना चाहिए।
- प्रत्येक बैठक का प्रस्ताव पुस्तिका के नए पन्ने पर लिखें।
- बैठक पुस्तिका में बिलकुल बाएं तरफ बैठक की संख्या लिखें।
- बैठक पुस्तिका में बिलकुल दाएं तरफ बैठक की दिनांक, दिन एवं समय लिखें।
- बैठक पुस्तिका के बीचो-बीच में समूह का नाम लिखें।
- इसके बाद प्रार्थना आपको करनी है। या समूह गान भी कर सकती हैं।
- प्रार्थना गोलाकार में बैठकर ही करना चाहिए।
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- इसके बाद समूह का नाम लिखना चाहिए।
- गांव का नाम लिखना चाहिए।
- बैठक का स्थान भी लिखना होता है।
- बैठक अध्यक्ष का नाम लिखिये।
- कुल सदस्यों की संख्या अंकित कीजिये।
- उपस्थित सदस्यों की संख्या जरूर लिखकर हस्तक्षार करवाइये।
- अनुपस्थित सदस्यों की संख्या भी लिखिए।
इसके बाद प्रार्थना कीजिए। फिर बाद में बैठक का प्रस्ताव लिखना शुरू करें।
बैठक के प्रस्ताव में क्या लिखें? Baithak prasatav me kya likhe
स्वयं सहायता समूह के बैठक के प्रस्ताव में बैठक में उपस्थित हुए सदस्यों की संख्या उनका परिचय बहुत जरूरी होता है। बैठक में सदस्यों द्वारा किसी समस्या पर चर्चा भी सबके सामने होनी चाहिए। बैठक में समय से ऋण वापसी पर विचार विमर्श जरूर करना चाहिए। पिछले माह की बैठक की समीक्षा भी करनी चाहिए। बचत वसूल के बारे में भी चर्चा आवश्यक है। नया ऋण किसको देना है और क्यों देना है स्पष्ट तौर पर चर्चा की जानी चाहिए।
लोन मंजूरी पर सबकी सहमति जरूरी होना है। बैंक लेनदेन पर चर्चा की जानी चाहिए। खर्चे पर चर्चा अति आवश्यक है।
बैठक की कार्यवाही | Baithak ki Karyavahi
- समूह की बैठक की कार्यवाही में ग्राम संगठन (VO) का समाचार क्या है? इस मुद्दे पर भी बात होनी चाहिए।
- समूह के सदस्यों की व्यक्तिगत समस्याओं पर चर्चा भी जरुरी है।
- गांव की समस्याओं पर चर्चा भी जरुरी है।
- सामाजिक समस्याओं पर चर्चा भी जरुरी है।
- समूह के सदस्यों की आजीविका बढ़ाने पर चर्चा भी जरुरी है।
- समूह के द्वारा सरकारी योजनाओं पर चर्चा भी जरुरी है।
- इसके अलावा अन्य विषयों पर भी चर्चा होनी चाहिए भी जरुरी है।
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समूह की बैठक की समाप्ति। Baithak KI Samapati
Swayam sahayata samuh baithak prastav : स्वयं सहायता समूह की बैठक की समाप्ति के अंत में समूह के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष एवं समूह की पुस्तिका लिखने वाले सदस्य को समूह में उपस्थित होने वाले सदस्यों की संख्या का हिसाब जरूर रखनी चाहिए। इसके अलावा बैठक में उपस्थित हुए सदस्यों के हस्ताक्षर जरूर लेनी चाहिए। सर्वसम्मति से बैठक में अनुपस्थित हुए सदस्यों पर पांच ₹5 का शुल्क (जुर्माना) चार्ज भी लगाना चाहिए।
निष्कर्ष
इस प्रकार एक समूह की बैठक का कार्यक्रम पूरी तरीके से संपन्न होता है। स्वयं सहायता समूह में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आजीविका प्रदान करने एवं उन्हें हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर खोज कर देने के लिए केंद्र सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है और भविष्य में भी ऐसी ही रहेगी। केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की है। शहरी महिलाओं के लिए भी यह काफी जरूरी दिन प्रिडिन होती जा रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न -1: प्रस्ताव कैसे किया जाता है?
प्रस्ताव कैसे लिखें?
- शीर्षक पत्रक
- विषयसूची
- कार्यकारी सारांश
- समस्या का विवरण
- दृष्टिकोण और समाधान
- योग्यता
- समय
- बजट
प्रश्न -2 : SHG का उद्देश्य क्या है?
स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), आपस में अपनापन रखने वाले एक जैसे सूक्ष्म उद्यमियों का ऐसा समूह है जो अपनी आय से सुविधाजनक तरीके से बचत करने और उसको समूह के सम्मिलित फंड में शामिल करने और उसे समूह के सदस्यों को उनकी उत्पादक और उपभोग जरूरतों के लिये समूह द्वारा तय ब्याज, अवधि और अन्य शर्तों पर दिये जाने के लिये आपस में सहमत होना जरुरी होता है।
प्रश्न -3 : बैठक की कार्यवाही कैसे लिखें?
मीटिंग एजेंडा कैसे लिखें: 5 आइटम जिन्हें आपको हमेशा शामिल करना…
- अपने मीटिंग एजेंडे के अंत में एक्शन आइटम्स और ऑफ-टॉपिक चर्चाओं के लिए एक सेक्शन छोड़ दें
- आवश्यक उपस्थित लोगों की सूची की पहचान करें …
- चर्चा के लिए एजेंडा विषयों को पूरा करने की सूची की रूपरेखा तैयार करें …
- बैठक के लक्ष्य को परिभाषित करें।
प्रश्न -4: प्रस्ताव कौन स्वीकार कर सकता है? स्वीकृति कौन कर सकता है ?
– जिस व्यक्ति के सम्मुख प्रस्ताव रखा जाता है दी हो केवल वही व्यक्ति उसे स्वीकार कर सकता है, अन्य नहीं। उदाहरण के लिए – यदि ‘क’ के सम्मुख ‘ख’ ने प्रस्ताव रखा तो ‘क’ ही उसे स्वीकार कर सकता है और कोई दूसरा नहीं।
प्रश्न -4:प्रस्ताव के आवश्यक लक्षण क्या है?
1) प्रस्ताव पूर्ण, निश्चित, स्पष्ट तथा अंतिम हो :- प्रस्ताव तभी वैधानिक माना जाएगा जबकि, वह पूर्ण, निश्चित तथा स्पष्ट साथ ही अंतिम हो । (2) वैधानिक उत्तरदायित्व उत्पन्न करना :- कोई भी प्रस्ताव वैधानिक तभी माना जाएगा जब वह वैधानिक दायित्व उत्पन्न करता हो।
प्रश्न -5 : प्रस्ताव क्या है उदाहरण दीजिए?
जब क, ख को अपनी पुस्तक 50 रुपये में बेचने का प्रस्ताव करता है, तो इसे स्पष्ट प्रस्ताव कहते हैं । इसी प्रकार जब A एक पत्र को लिखकर अपनी कार B को उसे 40,000 रुपये में बेचने का प्रस्ताव करता है, तो यह यह भी स्पष्ट प्रस्ताव है।
प्रश्न -6: स्वयं सहायता समूह का नियम क्या है?
सभी एसएचजी सदस्य नियमित रूप से एक छोटी राशि बचाते हैं । राशि छोटी हो सकती है, लेकिन बचत सभी सदस्यों की नियमित और निरंतर आदत होनी चाहिए। “पहले बचत – बाद में ऋण” प्रत्येक एसएचजी सदस्य का आदर्श वाक्य होना चाहिए। जब एसएचजी सदस्य छोटी बचत शुरू करते हैं तो वे आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हैं।
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